बनखेड़ी. पैशे से किसान और कर्म से संत और शक्ति धाम कल्याणपुर आश्रम इमलिया गाडरवारा के पीठाधीश्वर साथ ही भारतीय किसान संघ केपूर्व तहसील अध्यक्ष बनखेड़ी दिवाकर महाराज ने कृषि उत्पादन आयुक्त के साथ ही शासन की उस नीति की कड़ी आलोचना की है जिसके अंतर्गत बेकसूर ग्रीष्मकालीन मूंग उत्पादक किसानों को अपराधी ठहराते हुए उनके उत्पाद को न केवल जहरीला घोषित किया गया है बल्कि शासन की इस नीति के कारण उसकी खून पसीने से कमाई गई उपज को अब कृषि उपज मंडियो में सरकार द्वारा घोषित समर्थन मूल्य का भाव भी नहीं मिल रहा है. महाराज का कहना है कि खेती को लाभ का धंधा बनाने का झांसा देने वाली सरकार का यह व्यवहार किसानों के साथ उसकी दोगली नीति का परिचायक है. उनका कहना है कि सरकार किसानों के गिरेबान में हाथ डालने की जगह उन बहुराष्ट्रीय कंपनियो के गिरेवा पर हाथ क्यों नहीं डालती उसके अनुसार जो यह जहर बेच रही हैं गांव गांव जाकर प्रचार कर रही हैं और किसानो की वैज्ञानिक अज्ञानता का फायदा उठाकर उन्हें इस मूंग को पैदा करने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं. उनका कहना है कि जो सजा किसानों को दी जा रही है वह सजा आखिर इन कंपनियों के लिए सरकार क्यों नहीं निर्धारित करती जो किसानों को मुंह मांगे दाम पर यह जहर बेच रही है. और यदि ग्रीष्मकालीन मूंग का उत्पादन करना अपराध है तो फिर उसे अपराध के लिए प्रेरित करने वाले के खिलाफ शासन कार्यवाही क्यों नहीं करता इसका दंड किसानों को क्यों दिया जा रहा है और वास्तव में यदि सरकार किसान हितेषी है तो वह इतना तो कर सकती है कि वह शासन स्तर पर एक आदेश जारी करें की मं डियो में समर्थन मूल्य से कम पर मूंग नहीं खरीदी जाएगी और यदि आदेश का उल्लंघन होता है तो व्यापारियों कें लाइसेंस सस्पेंड किए जाएंगे और यदि ऐसा नहीं होता है तो महाराज का कहना है कि सरकार की इस कु नीति के खिलाफ वह शीघ्र ही जन जागरण अभियान प्रारंभ करेंगे और यदि किसानों का भरपूर समर्थन मिला तो इस अन्याय के खिलाफ वह हाई कोर्ट जाकर किसानों के लिए न्याय की मांग करेंगे।
शिवमोहन सिंह प्रधान संपादक पंच सरपंच समाचार भोपाल मध्य प्रदेश